111 साल पुराना ऐतिहासिक शिमला-कालका रेलवे 7 जुलाई, 2008 को यूनेस्को की विश्व धरोहर बन गया।
कालका-शिमला रेलवे को भारत में सबसे बड़ी नैरो गेज इंजीनियरिंग के रूप में "गिनीज बुक ऑफ रेल तथ्य और कारनामे" दर्ज किया गया है।
कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर 103 सुरंगें हैं, जिनमें से बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है और 800 पुल हैं।
कालका से शिमला तक की यात्रा में 18 खूबसूरत रेलवे स्टेशन शामिल हैं। प्रत्येक स्टेशन पर चाय और नाश्ते की दुकानें अच्छी तरह से व्यवस्थित हैं।
कालका-शिमला यात्रा 96 किमी लंबी है। यह ट्रेन 22 किमी/घंटा की गति से चलती है और इसे 'टॉय ट्रेन' के नाम से जाना जाता है।
इसमें कोई शक नहीं कि यह विदेशी रेल यात्रा बेहद खूबसूरत है। यहां पहाड़ों और देवदार के जंगलों के सबसे आश्चर्यजनक दृश्य देखने को मिल सकते हैं।